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खुद पर ना कर
इतना गुमान
कि खुदा की रहमतो को भाँप
ना सके,
मौत सबको मिटी मे हे
मिलती है
क्या सोचता है तू खुले
आकाश के तले,
यदि फर्क सिर्फ़ अमीरी
ग़रीबी का है
तो ये बस पैसे का
कमाल है,
खुदा ने तो हम
सबको एक जैसा हे बनाया है
उपर मिलकर
पूछूँगा तुझसे बोल.......
अब तेरा क्या
ख़याल है..........