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खुशी
की तलाश में
घूमा
गली गली
एक
दिन थक कर बैठ गया
सवाल
के जवाब में ऐंठ गया,
खुशी मुझे देख हस्ती रही
बोली
जिस
सवाल में आज तक तेरी ज़िंदगी बस्ती रही
उससे मन
को हटा लें
जो है
उमे खुद को रामा लें,
हर्ष उल्लास हो
सोलह शृंगार से सज़ा
हर ग्रहणी का ताज हो ,
शिव की आराधना हो
पार्वती की उपासना हो,
बड़ों का आशीर्वाद हो
दिलों में प्रेम भाव हो
तीज की शुभ कामनाएँ